Swiggy के इलाके में Zomato ने लगाई सेंध, दक्षिण भारत में बढ़ा दबदबा – zomato eats into ipo bound swiggy territory claims a jump in market share in south

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ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी Zomato ने दक्षिण भारत में बाजार हिस्सेदारी में उछाल का दावा किया है। कंपनी के मैनेजमेंट ने तिमाही नतीजों के बाद अर्निंग कॉल में यह जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि दक्षिणी राज्यों के शहरों में उसका मार्केट शेयर बढ़ा है। दक्षिण भारत में Swiggy का लंबे समय से दबदबा रहा है। ऐसे में जोमैटो के इस दावे को स्विगी के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। जोमैटो के सीनियर अधिकारी ने कहा, “हम दक्षिणी शहरों में भी अपने नेशनल एवरेज मार्केट शेयर के करीब हैं, जहां कुछ साल पहले हम कम थे।” बता दें कि जोमैटो ने FY25 की पहली तिमाही में मजबूत नतीजे पेश किए हैं।

Swiggy के मार्केट शेयर में गिरावट

बता दें कि कई ब्रोकरेज फर्मों ने अनुमान लगाया है कि भारत के फूड डिलीवरी सेक्टर में जोमैटो की बाजार हिस्सेदारी लगभग 55 फीसदी हो गई है, जबकि स्विगी ने अपनी जमीन खो दी है। 2020 में स्विगी 52 फीसदी मार्केट शेयर के साथ इस सेक्टर की लीडिंग कंपनी थी। लेकिन इसके बाद के तीन वर्षों में जोमैटो का दबदबा बढ़ता गया और स्विगी की बाजार हिस्सेदारी 45 फीसदी तक गिर गई।

जोमैटो के एप्रोच में खास बात यह रही कि उसने शुरुआत में नॉन-मेट्रो शहरों में दांव लगाए। यह एक ऐसा कदम था जिसे प्रॉफिटेबिलिटी के लिए अच्छा नहीं माना गया। लेकिन यह जानते हुए भी कंपनी ने यह कदम उठाया। एक्सपर्ट्स के अनुसार जोमैटो ने अपने बिजनेस को अधिक लोकलाइज्ड तरीके से बढ़ाया है। उसने प्रत्येक क्षेत्र में एक रणनीति के साथ संपर्क किया, चाहे सप्लाई चेन की बात हो, मार्केटिंग की हो या रेस्टोरेंट चॉइस की।

इस बीच जोमैटो ने मुनाफे के मामले में स्विगी को भी पीछे छोड़ दिया है। गुरुग्राम बेस्ड इस कंपनी ने अब तक लगातार 5 तिमाहियों में नेट प्रॉफिट दर्ज किया है। दूसरी ओर, स्विगी ने FY24 के पहले नौ महीनों में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑपरेटिंग लॉस दर्ज किया है।

कैसे रहे Zomato के तिमाही नतीजे?

अप्रैल-जून तिमाही (Q1) में जोमैटो का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 126.5 गुना बढ़कर 253 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा दो करोड़ रुपये था। जून तिमाही के दौरान जोमैटो का रेवेन्यू सालाना लगभग 74 फीसदी बढ़कर ₹4206 करोड़ हो गया, जबकि पिछले साल यह ₹1416 करोड़ था। तिमाही के दौरान कंपनी का EBITDA पॉजिटिव ₹177 करोड़ रहा। पिछले साल इसी अवधि के दौरान कंपनी ने ₹48 करोड़ का EBITDA घाटा दर्ज किया था।

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