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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं। लगातार भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से शाहजहांपुर शहर बाढ़ की चपेट में आ गया। शहर के 20 से अधिक मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 20,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए सेना जुटी हुई है। वहीं, एनडीआरएफ भी मोर्चा संभाले हुए हैं। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बारांबकी जैसे जिले भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखीमपुर खीरी और शारदानगर में शारदा नदी, बाराबंकी के एल्गिनब्रिज पर घाघरा नदी, बलरामपुर में राप्ती नदी, सिद्धार्थनगर के ककरही में बूढ़ी राप्ती और गोण्डा में क्वानो नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बलरामपुर में राप्ती नदी के जलस्तर पर मामूली गिरावट आई है। फिर भी यह खतरे के निशान से 26 सेमी ऊपर बह रही है। करीब 150 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ से 9 लोगों की डूबकर मौत
चार जिलों में बाढ़ के पानी में डूबकर 9 लोगों की मौत हो गई है। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा पांच लोगों की जान गई। बरेली में दो और पीलीभीत में एक व्यक्ति की मौत हुई। बदायूं में मोपेड के साथ एक युवक डूब गया। बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बिजली का संकट खड़ा हो गया। वहीं, लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे हैं। हालांकि प्रशासन बाढ़ पी़ड़ितों की हर संभव मदद का दावा कर रहा है। शाहजहांपुर में गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिससे शहर में पानी भर गया। यह शहर इन्हीं दो नदियों के बीच बसा हुआ है। मंगलवार रात अचानक जलस्तर में बढ़ोतरी हुई। इससे अक्षरधाम कॉलोनी में पानी भर गया। रात में यहां के 25 परिवारों को किसी तरह निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
किसानों की फसलें पानी में डूबी
शाहजहांपुर की तिलहर तहसील क्षेत्र के गांव घनश्यामपुर, चितीबोझी, बिहारीपुर, अजमाबाद और रटा में भी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। उधर, बदायूं जिले में गंगा के जलस्तर में बुधवार को कमी आई, मगर रामगंगा और अरिल नदी में उफान आ गया। दातागंज तहसील के 70 गांव और करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पशुओं के लिए चारे की समस्या भी पैदा हो गई है। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं मिली है। शासन-प्रशासन की व्यवस्थाएं बदहाल हैं। पीने के पानी की भी दिक्कत बनी हुई है।
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