UPI One World: NCPI ने लॉन्च की UPI वन वर्ल्ड वॉलेट सर्विस, विदेशी पर्यटकों को मिलेगा फायदा – upi one world service launch by ncpi international travelers make payment online know details

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नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भारत आने वाले इंटरनेशनल यात्रियों के लिए UPI वन वर्ल्ड वॉलेट सर्विस का ऐलान किया है। ऐसे में विदेशी यात्रियों के लिए भारत आने में काफी सहूलियत मिलेगी। ‘UPI वन वर्ल्ड’ वॉलेट के जरिए ट्रैवल को और आसान और रियल टाइम डिजिटल भुगतान पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए उतारा गया है। बता दें कि UPI वन वर्ल्ड वॉलेट को पहली बार पिछले साल भारत में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान पेश किया गया था। इस सर्विस में जिन लोगों का भारतीय बैंकों में अकाउंट नहीं है। वो भी यूनिफाइड पेमेंटस इंटरफेस (UPI) सिस्टम को एक्सेस और इसके इस्तेमाल से पेमेंट कर सकेंगे।

इस इनिशिएटिव को NPCI ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइंस में IDFC First बैंक और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड के सहयोग से शुरू किया गया था। इस सर्विस से यात्रियों को बड़ी मात्रा में नकदी ले जाने या कई विदेशी मुद्रा लेनदेन के झंझट से छुटकारा मिलेगा।

UPI वन वर्ल्ड वॉलेट सर्विस का कैसे करें इस्तेमाल

यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट सेवा के साथ, विदेशी यात्री और NRIs प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI)-यूपीआई ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद यूजर्स पेमेंट करने के लिए अपने स्मार्टफोन के कैमरे से किसी भी मर्चेंट के क्यूआर कोड को स्कैन कर सकेंगे। यात्री अपनी UPI आईडी के साथ ऑनलाइन लेनदेन भी कर सकते हैं। ळझणघ ने कहा कि यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट का इस्तेमाल मर्चेंट स्टोर, होटल और रेस्टोरेंट के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग, मनोरंजन, ट्रांसपोर्टेशन, ट्रैवल बुकिंग और ऐसे ही काफी सारे कामों के लिए कर सकेंगे। ये वॉलेट एयरपोर्ट, होटल, मनी एक्सचेंज लोकेशन और अन्य जगहों पर उपलब्ध है। ध्यान रखना वाली बात ये है कि अगर कोई विदेश यात्री इसका इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे वैलिड वीजा और पासपोर्ट की मदद से KYC प्रोसेस करवाना होगा।

सिर्फ विदेशियों के लिए है UPI वन वर्ल्ड वॉलेट सर्विस

इस फीचर का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यूजर्स को कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी कि वे ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। इस सुविधा का फायदा NRIsऔर विदेशी लोग ही उठा सकेंगे। अगर कोई बैलेंस रह जाता है तो वह वापस कर दिया जाएगा। इसके लिए फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी आपको एक्सचेंज रेट के तहत ही इसका फायदा मिल सकता है।

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