VIDEO: ‘मैं अगले हफ्ते से बेरोजगार हो जाऊंगा, प्लीज कोई काम हो तो..’: ऐसा क्यों बोले राहुल द्रविड़, वीडियो वायरल

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T20 World Cup 2024: टी20 वर्ल्ड कप जीतने के साथ ही मुख्य कोच के तौर पर भारतीय टीम के साथ राहुल द्रविड़ का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। उन्होंने आधुनिक क्रिकेट कोचिंग के भारी दबाव के बीच भी गरिमा और शालीनता से कामयाबी तक के सफर की बानगी दी। वैसे 11 साल बाद ICC खिताब जीतने के बाद ‘द वॉल’ को भी जज्बाती होते देखा गया। जैसे ही फाइनल के ‘प्लेयर आफ द मैच’ विराट कोहली ने उन्हें ट्रॉफी सौंपी, उन्होंने इतनी जोर से आवाज निकाली मानो आखिर में अपने भीतर की तमाम भावनाओं की अभिव्यक्ति कर रहे हों।

द्रविड़ (Rahul Dravid) को ऐसा करते देखने की कोई शायद कल्पना भी नहीं कर सकता। कभी वह सनसनीखेज हेडलाइन नहीं देते लेकिन गैरी कर्स्टन की तरह चुपचाप काम करते रहे। कोच के रूप में चुनौतियां आसान नहीं थी। चूंकि उनके पास ऐसी टीम थी जिसके वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा फैंस हैं और जिस टीम में नामी गिरामी सितारे हैं।

श्रीलंका के खिलाफ 2021 में सीमित ओवरों की एक सीरीज के बाद ही उनकी चुनौतियां शुरू हो गई थी। उन्हें नवंबर में आधिकारिक तौर पर भारत का पूर्णकालिक मुख्य कोच बनाया गया। उनसे पहले रवि शास्त्री के कोच रहते भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लिहाजा उन पर टीम को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी थी।

मैदानी चुनौतियों के अलावा सुपरस्टार से भरे भारतीय ड्रेसिंग रूम को संभालना कम चुनौतीपूर्ण नहीं था। उन्हें पता था कि मामूली सी बात का भी बाहर तिल का ताड़ बनते देर नहीं लगेगी। द्रविड़ में लेकिन हालात और लोगों को संभालने की जबर्दस्त खूबी है जिसका उन्होंने कोच के रूप में पूरा उपयोग किया।

पत्रकारों से लिए मजे

इस बीच, सोशल मीडिया पर राहुल द्रविड़ का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह पत्रकारों के एक सवाल पर मजाकिया अंदाज में कह रहे हैं कि वह अगले सप्ताह से बेरोजगार हो जाएंगे। अगर उनके लिए कोई काम हो तो प्लीज बताइए। वायरल वीडियो में द वॉल को कहते हुए सुना गया, “अगले सप्ताह से मेरे लिए जिंदगी वैसे ही होगी। मैं अगले सप्ताह बेरोजगार हो जाऊंगा। कोई काम हो तो बताइए।”

पीटीआई के मुताबिक द्रविड़ ने जीत के बाद कहा, “पिछले कुछ घंटों में मेरे पास शब्द नहीं है। मुझे इस टीम पर गर्व है, जिस तरह से कठिन परिस्थितियों में टीम ने संघर्ष किया।” उन्होंने कहा, “पहले छह ओवर में तीन विकेट गंवाने के बाद इस तरह की जीत दर्ज करना बताता है कि यह टीम जुझारूपन छोड़ने वाली नहीं है। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं इतना खुशकिस्मत नहीं रहा कि वर्ल्ड कप जीत सकूं। मैने खेलने के दिनों में अपनी ओर से पूरी कोशिश की लेकिन खेल में यह सब होता है।”

द्रविड़ के लिए यह जीत एक तरह से भार मुक्ति की तरह भी रही जिनकी कप्तानी में 2007 वनडे वर्ल्ड कप में टीम पहले दौर में बाहर हो गई थी। द्रविड़ ने हालांकि कहा कि वह इस तरह के शब्दों में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, “पहली बात तो यह कि यह कोई भार मुक्ति नहीं है। मैं इस तरह की बातें नहीं सोचता। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो खताब नहीं जीत सके। मैं खुशकिस्मत हूं कि कोच बना और यह टीम मिली जिसने यह संभव कर दिखाया कि मैं ट्रॉफी जीतकर उसका जश्न मना सकूं।”

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उन्होंने कहा, “अच्छा लग रहा है लेकिन मैं भार से मुक्त होने का लक्ष्य लेकर नहीं आया था। मैं अपना काम कर रहा हूं जिससे मुझे प्यार है। मुझे रोहित और इस टीम के साथ काम करके अच्छा लगा। यह सफर अच्छा रहा, जिसका मैने पूरा मजा लिया।” द्रविड़ ने आगे कहा, “इस तरह के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहना अद्भुत था। यह जिंदगी भर ही यादें हैं। मैं टीम और सहयोगी स्टाफ को इसके लिये धन्यवाद देता हूं।”



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