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भारत सरकार ने भारत के मुसलमानों के संबंध में ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अली खामेनेई की तरफ से की गई हालिया टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। सरकार ने बयान को ‘गलत जानकारी वाला और अस्वीकार्य’ बताया है। विदेश मंत्रालय ने खामेनेई के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत को लेकर उनकी समझ कम है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में मुसलमानों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना करते हैं। यह बिल्कुल गलत जानकारी है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।’
मंत्रालय ने उन देशों से भी आग्रह किया जो अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के बारे में टिप्पणी करते हैं और उनसे कहा कि दूसरों की आलोचना करने से पहले अपने रिकॉर्ड के बारे में विचार करना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देख लें।’
अली खामेनेई की टिप्पणियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किए गए एक मेसेज का हिस्सा थीं, जिसमें पैगंबर मोहम्मद की जयंती के अवसर पर दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता का आह्वान किया गया था। हालांकि, इस मेसेज में इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया कि उन्होंने विशेष रूप से भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों का उल्लेख क्यों किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी पोस्ट में, खामेनेई ने कहा, ‘अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुसलमान को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते।’ उनका कहना था, ‘इस्लाम के दुश्मनों ने इस्लामिक उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के संबंध में हमें हमेशा उदासीन बनाने की कोशिश की है।’
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