[ad_1]
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के बैंक खातों, डीमैट अकाउंट्स और म्यूचुअल फंड फोलियो को जब्त कर लिया है। मार्केट रेगुलेटर ने यह कार्रवाई 15.34 करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए की है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इस सिलसिले में अलग-अलग आदेश जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर ने 9.44 करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए ब्रोकरेज हाउस के पूर्व प्रमोटर और मैनेजिंग डायरेक्टर के बैंक और डीमैट खातों को भी जब्त किया है।
ब्रोकरेज फर्म और उनके प्रमुख द्वारा पेनाल्टी का भुगतान नहीं किए जाने के बाद सेबी ने यह कार्रवाई की है। सेबी ने 18 अप्रैल 2023 को जारी आदेश में ब्रोकरेज फर्म और उसके प्रमुख पर जुर्माना लगाया था। इसके बाद इसमें ब्याज की राशि और रिकवरी कॉस्ट को भी जोड़ लिया गया है। मार्केट रेगुलेटर ने ब्रोकरेज हाउस को क्लाइंट्स की सिक्योरिटीज और फंड के गलत इस्तेमाल का दोषी पाते हुए यह जुर्माना लगाया गया था। रेगुलेटर का कहना था कि कार्वी स्टॉक ब्रोकर की अपनी भूमिका में पूरी तरह से नाकाम रही है।
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस ब्रोकरेज हाउस द्वारा किए गए फ्रॉड का हवाला देते हुए कहा था कि मार्केट रेगुलेटर शेयर बाजार में कार्वी ब्रोकिंग जैसी कोई अन्य घटना नहीं होने देगा। बुच ने मार्च 2023 में सेबी बोर्ड की बैठक के बाद कहा था, ‘अब कार्वी जैसी कोई अन्य घटना हमारी लाशों पर होगी।’ सेबी के हालिया आदेशों के मुताबिक, ब्रोकरेज फर्म और उसके पूर्व चीफ को 7 अगस्त 2024 को डिमांड नोटिस भेजा गया था।
मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि चूंकि ब्रोकरेज फर्म और उसके पूर्व चीफ की तरफ से जुर्माने का भुगतान नहीं किया गया, लिहाजा यह माना जा सकता है कि वे बैंक खातों, डीमैट खातों या म्यूचुअल फंड फोलियो से अपनी सिक्योरिटीज/इंस्ट्रुमेंट्स को हटा सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो रिकवरी की राशि में बाधा या देरी हो सकती है। लिहाजा, रेगुलेटर ने उनके खातों को जब्त करने का फैसला किया है।
[ad_2]
Source link