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Bajaj Housing Finance IPO: बजाज हाउसिंग फाइनेंस (BHF) का आईपीओ कल यानी 9 सितंबर को खुलने के लिए तैयार है। निवेशकों के पास इसमें 11 सितंबर तक निवेश का मौका रहेगा। इश्यू के लिए प्राइस बैंड ₹66 से ₹70 प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी का इरादा आईपीओ के जरिए 6560 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसमें ₹3560 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹3000 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। आईपीओ के बाद कंपनी का मार्केट कैप ₹54965.8 करोड़ से ₹58297 करोड़ तक होने की उम्मीद है।
सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का वैल्यूएशन लोअर और अपर प्राइस बैंड के लिए 3.01x से 3.19x के प्राइस-टू-बुक वैल्यू (P/BV) रेश्यो पर बेस्ड है। आईपीओ के बाद प्रमोटर की हिस्सेदारी 100% से घटकर 88.75% हो जाएगी। यहां हमने इस आईपीओ का SWOT एनालिसिस किया है, जिसमें इसकी ताकतों, कमजोरियों, अवसरों, और खतरों के बारे में बताया गया है।
Bajaj Housing Finance की ताकत
बेस्ट-इन-क्लास एसेट क्वालिटी: BHF के पास एक मजबूत पोर्टफोलियो है, जिसकी AAA रेटिंग इसकी मजबूत वित्तीय सेहत को दिखाती है।
मजबूत ब्रांड पहचान: कंपनी को बजाज ब्रांड की प्रतिष्ठा और स्टेबिलिटी से लाभ मिलता है।
डायवर्स और कम लागत वाले फंडिंग सोर्स: BHF के पास कॉस्ट इफेक्टिव बॉरोइंग तक एक्सेस है, जो इसकी ऑपरेशनल एफिशिएंसी को सपोर्ट करता है।
स्टेबल रिस्क मैनेजमेंट: ट्रेडिशनल होम फाइनेंस लोन में गिरावट के बावजूद रिस्क-वेटेड एसेट्स (RWA) से एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) रेश्यो स्टेबल बना हुआ है।
Bajaj Housing Finance की कमजोरियां
घटता हुआ नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM): हाल की तिमाहियों में हाई-यील्ड वाले पोर्टफोलियो में वृद्धि के बावजूद बढ़ती फंडिंग लागत के कारण NIM कम हो रहा है।
रीजनल कंसंट्रेशन: BHF के AUM का एक अहम हिस्सा (69.5%) सिर्फ तीन राज्यों से आता है, जिससे यह रीजनल इकोनॉमिक रिस्क को लेकर कमजोर हो जाता है।
कंप्लायंस इश्यू: अतीत में कंपनी को RBI रेगुलेशन और इंटरनल ऑडिट गैप्स के नॉन-कंप्लायंस का सामना करना पड़ा है।
Bajaj Housing Finance के पास ये हैं अवसर
IPO के माध्यम से फंड की लागत कम करना: जुटाए गए फंड से BHF की उधार लेने की लागत कम हो सकती है, जिससे मार्जिन में सुधार हो सकता है।
बढ़ता हुआ हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर: भारत का हाउसिंग फाइनेंस मार्केट अभी भी कम पहुंच वाला है, जिससे विकास की संभावना है।
डेवलपर लोन में बढ़ोतरी: BHF ने पिछले 27 महीनों में बिना किसी महत्वपूर्ण एसेट क्वालिटी में गिरावट के अपने डेवलपर लोन पोर्टफोलियो को दोगुना कर दिया है।
Bajaj Housing Finance के रिस्क फैक्टर्स
बहुत अधिक कंपटीशन: बाजार में LIC हाउसिंग फाइनेंस (LIC HF) और कैनफिन होम्स जैसे कंपटीटर्स के साथ BHF को अपनी बाजार स्थिति बनाए रखने के लिए इनोवेशन और कॉस्ट मैनेजमेंट जारी रखना होगा।
Bajaj Housing Finance की फाइनेंशियल डिटेल
बजाज हाउसिंग फाइनेंस का AUM वित्त वर्ष 22 में ₹53,321.72 करोड़ से बढ़कर Q1FY25 में ₹97,071.33 करोड़ हो गया, जो मजबूत लोन बुक एक्सपेशन का संकेत देता है। RWA टू AUM रेश्यो 62% और 66% के बीच रहा है, जो BHF की अपने लोन पोर्टफोलियो में विविधता लाने के साथ-साथ रिस्क मैनेजमेंट को बनाए रखने की क्षमता को दिखाता है।
बढ़ते ब्याज खर्च के कारण कंपनी का NIM वित्त वर्ष 22 में 4.1% से घटकर Q1FY25 में 3.9% हो गया है, हालांकि इसका रिटर्न ऑन एसेट (ROA) 2.3 फीसदी पर मजबूत बना हुआ है। BHF ने नॉन-परफॉर्मिंग एसेट के लो लेवल को बनाए रखा है, जिसमें Q1FY25 में ग्रॉस NPA 0.28% और नेट NPA 0.11% रहा, जो इसकी बेहतर एसेट क्वालिटी को दिखाता है। NIM, ROA और रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) के मामले में BHF, LIC HF और PNB हाउसिंग फाइनेंस जैसे कंपटीटर्स से बेहतर प्रदर्शन किया है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आगामी आईपीओ इसके ठोस फंडामेंटल, डायवर्स लोन पोर्टफोलियो और मजबूत एसेट क्वालिटी के चलते मजबूत है। कंपनी के पास विकास के अवसर हैं, विशेष रूप से हाउसिंग फाइनेंस स्पेस में, लेकिन उसे कंपटीशन और कंप्लायंस के प्रति सतर्क रहना होगा।
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