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Byju’s Crisis: एडटेक कंपनी बायूजज के फाउंडर, बायजू रवींद्रन ने शुक्रवार 19 जुलाई को कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न को दिवालिया घोषित करने के आदेश को चुनौती दी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी अपील वापस ले ली। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। रवींद्रन अब नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) के सामने नियमित अपील दाखिल करेंगे। NCLAT की ओर से 22 जुलाई (सोमवार) को याचिका पर सुनवाई किए जाने की उम्मीद है।
कर्नाटक हाईकोर्ट की वेबसाइट से पता चला है कि रवींद्रन ने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 158 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने को लेकर बायूजज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस मामले में 16 जुलाई को थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।
इस आदेश का मतलब है कि फाउंडर बायजू रवींद्रन का कंपनी के ऊपर से तत्काल नियंत्रण खत्म हो गया है। उनकी जगह अब NCLT की ओर से नियुक्त रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल कंपनी के रोजाना कामकाज की देखरेख कर रहा है। ट्राइब्यूनल ने पंकज श्रीवास्तव को कंपनी चलाने के लिए अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) के तौर पर नियुक्त किया है।
आदेश में कहा गया है, “अंतरिम सरिजॉल्यूशन प्रोफेशनल कंपनी के खिलाफ आए सभी दावों के मिलान और कॉरपोरेट देनदारों की वित्तीय सेहत के निर्धारण के बाद लेनदारों की एक समिति गठित करेगा।”
NCLT ने विवाद को मध्यस्थता अदालत के पास भेजने के बायजू के अनुरोध को भी खारिज कर दिया। इसने कहा कि दिवालिया कार्यवाही के दौरान बायजू की कोई भी संपत्ति ट्रांसफर नहीं की जा सकती।
बता दें कि बायजूज की गिनती कभी भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप्स में होती थी, जिसका वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर को पार कर गया था। बायजूज में प्रोसस और जनरल अटलांटिक जैसे कई दिग्गज इनवेस्टमेंट फर्मों ने निवेश किया हुआ है।
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