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वैश्विक बाजार से मिले-जुले संकेतों, खास तौर पर महंगाई की चिंताओं के बावजूद 28 जून को खत्म सप्ताह में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई। बाजार ने सप्ताह में 2 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ दो सप्ताह के कंसोलिडेशन फेज को खत्म किया, जिससे मौजूदा तेजी जारी रही। पिछले सत्र में, बेंचमार्क सूचकांक अस्थिरता के बीच कम होकर बंद हुए। सेंसेक्स 210.45 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 79,032.73 पर और निफ्टी 33.90 अंक या 0.14 प्रतिशत गिरकर 24,010.60 पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत खरीद या सेलिंग ट्रिगर्स की गैरमौजूदगी के कारण अगले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है। जिन प्रमुख कारकों पर नजर रखी जानी है, उनमें मानसून की प्रगति शामिल है। इसका निवेशकों के विश्वास पर निकट अवधि में पड़ने वाले प्रभाव के लिए बारीकी से निरीक्षण किया जाएगा। बजट से संबंधित चर्चा के बीच क्षेत्र-विशेष में उतार-चढ़ाव की उम्मीद है। नए सप्ताह में कौन से अहम फैक्टर्स बाजार की दिशा तय करेंगे, आइए जानते हैं…
ऑटोमोबाइल बिक्री
देश में नए सप्ताह में जून के ऑटोमोबाइल बिक्री आंकड़ों पर नजर रहेगी, जो 1 जुलाई को सामने आएंगे। टूव्हीलर्स और पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री में ग्रोथ की उम्मीद है। कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में बिक्री फ्लैट रहने का अनुमान है।
घरेलू आर्थिक डेटा
जून के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग PMI के फाइनल आंकड़े 1 जुलाई को जारी होंगे। वहीं जून के लिए HSBC सर्विसेज एंड कंपोजिट PMI के फाइनल आंकड़े 3 जुलाई को सामने आएंगे। 28 जून को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 5 जुलाई को जारी किए जाएंगे।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की स्पीच 2 जुलाई को होने वाली है। इसके मार्केट्स पर असर डालने की संभावना है।
वैश्विक आर्थिक डेटा
मार्केट पार्टिसिपेंट्स का फोकस FOMC मिनट्स और पॉवेल की स्पीच के अलावा अमेरिका में बेरोजगारी दर, गैर-कृषि पेरोल, S&P ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI, JOLTs जॉब ओपनिंग और एग्जिट डेटा, और मासिक फैक्ट्री ऑर्डर डेटा पर भी होगा। अन्य विकसित और विकासशील देशों के मैन्युफैक्चरिंग PMI डेटा, ईसीबी नॉन मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग्स, यूरो इनफ्लेशन फ्लैश, जापान के जिबुन बैंक मैन्युफैक्चरिंग PMI और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस पर भी नजर रहेगी।
अगले सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियों पर भी नजर रहेगी। हालांकि FII की निकासी की भरपाई घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की ओर से पिछले सप्ताह इक्विटी बाजारों में लगातार, मजबूत खरीद से हुई है। प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार, FII ने कैश सेगमेंट में 14,704 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि DII ने 20,796 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। केंद्रीय बजट और जेपी मॉर्गन के बॉन्ड इंडेक्स में भारत के शामिल होने से पहले, FII ने चुनावों के बाद निरंतर सुधारों की उम्मीदों से प्रेरित होकर जून में लगभग 26,565 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर खरीदे। विश्लेषकों ने कहा कि यह नई दिलचस्पी जीडीपी वृद्धि के बेहतर पूर्वानुमान और भारतीय कंपनियों की मजबूत आय के कारण है। इस साल अब तक FII ने 129,046 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जबकि DII ने इसी दौरान 236,325 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
1 जुलाई से शुरू हो रहे कारोबारी सप्ताह में 3 नए IPO दस्तक देने वाले हैं। मेनबोर्ड सेगमेंट में Emcure Pharma और Bansal Wire Industries के IPO 3 जुलाई को खुलेंगे और 5 जुलाई को बंद होंगे। SME सेगमेंट में Ambey Laboratories IPO 4 जुलाई को खुलेगा और 8 जुलाई को क्लोज होगा। पहले से खुला Nephro Care India IPO 2 जुलाई को क्लोज होगा। नए सप्ताह में 11 कंपनियां शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करेंगी।
1 जुलाई को Visaman Global Sales, Mason Infratech, Sylvan Plyboard (India) और Shivalic Power Control के शेयर NSE SME पर लिस्ट होंगे। 2 जुलाई को Petro Carbon and Chemicals, Divine Power Energy, Akiko Global Services के शेयर NSE SME पर और Allied Blenders and Distillers के शेयर BSE, NSE पर लिस्ट होंगे। 3 जुलाई को Diensten Tech के शेयर NSE SME पर और Vraj Iron and Steel के शेयर BSE, NSE पर लिस्ट होंगे। 5 जुलाई को Nephro Care India की लिस्टिंग NSE SME पर होगी।
कॉरपोरेट एक्शंस
आने वाले सप्ताह के प्रमुख कॉरपोरेट एक्शंस इस तरह हैं…
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