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Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को रेलवे की तरफ से इलेक्शन लड़ने की मंजूरी जल्द ही मिल जाएगी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से दोनों ओलंपियनों के खिलाफ टिप्पणी करने और उनके बारे में मीडिया से बात करने से परहेज करने को कहा है। कांग्रेस में शामिल होने से पहले फोगाट और पुनिया ने रेलवे कर्मचारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। आगामी चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए फोगाट को 12 सितंबर से पहले अपने विभाग से मंजूरी लेनी होगी।
उत्तर रेलवे ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के इस्तीफों को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और दोनों खिलाड़ियों को जल्द ही पदमुक्त किए जाने की संभावना है। पूनिया और फोगाट हाल में कांग्रेस में शामिल हुए। फोगाट को हरियाणा में जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “किसी रेलवे कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देने के बाद तीन महीने की नोटिस अवधि के दौरान सेवा देने का प्रावधान इन दोनों खिलाड़ियों को पदमुक्त करने में आड़े नहीं आएगा, क्योंकि हमने उनके मामलों में मानदंडों में ढील देने का फैसला किया है।”
रेलवे सूत्रों ने बताया कि दोनों खिलाड़ियों को संभवत: आज (8 सितंबर) या जल्द से जल्द पदमुक्त कर दिया जाएगा।” उत्तर रेलवे ने दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उत्तर रेलवे ने कहा था कि कारण बताओ नोटिस सेवा नियमावली का हिस्सा है, क्योंकि वे सरकारी कर्मचारी हैं। इस नोटिस के बाद दोनों ने रेलवे से इस्तीफा दे दिया था।
ऐसी अटकलें थीं कि फोगाट तीन महीने की नोटिस अवधि के नियम के कारण शायद चुनाव न लड़ पाएं। चुनाव नियमों के अनुसार, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए रेलवे से आधिकारिक रूप से पदमुक्त होने की आवश्यकता है। उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि, अब रेलवे ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, तो उनके चुनाव लड़ने में कोई बाधा नहीं है।
बृजभूषण सिंह को शांत रहने के निर्देश
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह उन पर हमलावर हैं। सिंह ने रविवार (8 सितंबर) को आरोप लगाया कि कांग्रेस के हुड्डा परिवार ने वैसे ही पहलवानों को दांव पर लगाकर उनके (सिंह के) खिलाफ साज़िश रची जैसे महाभारत में पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख सिंह पर पिछले वर्ष कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर कई सप्ताह तक धरना दिया था।
कुछ पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण ने शनिवार (7 सितंबर) को भी दोनों एथलीटों पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन उनके खिलाफ कांग्रेस की साजिश था, जिसका मास्टरमाइंड हुड्डा परिवार है। पहलवानों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि अब उनका दोष सही साबित हुआ है। पूरे संकट के दौरान भी उन्होंने दावा किया था कि विरोध प्रदर्शन के पीछे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ है।
लेकिन, अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें पहलवानों पर टिप्पणी करने से दूर रहने और इस मामले से संबंधित किसी भी मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने से परहेज करने को कहा है। घटनाक्रम से अवगत एक बीजेपी नेता ने न्यूज18 को बताया, “हरियाणा में यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। पार्टी विपक्ष को यह आरोप लगाने का कोई मौका नहीं देना चाहती कि वे महिला विरोधी हैं।” अगले महीने जब हरियाणा में चुनाव होंगे, तो यह बीजेपी के लिए एक परीक्षा होगी, जो पिछले दो कार्यकालों से राज्य में सत्ता में है।
भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के अलावा भगवा पार्टी को कई अन्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें “जाट विरोधी” और पहलवानों के साथ-साथ किसानों द्वारा आंदोलन का प्रभाव भी शामिल है। 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होने के बाद फोगट और पुनिया ने कहा कि वे बृजभूषण के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। विनेश ने जोर देकर कहा कि वह सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी महिला को वह सब न सहना पड़े, जो उन्होंने सहा है।
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