Hathras Stampede: दम घुटना या बाहर निकलने की जल्दबाजी, हाथरस में ‘भोले बाबा’ के सत्संग में कैसे मची भगदड़?

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हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में जाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 87 बताया गया है। हालांकि, आशंका है कि इस हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। घटना रति भानपुर गांव की है, जहां ‘भोले बाबा’ नाम के एक प्रचारक ने सत्संग का आयोजन किया था। मारे गए या बेहोश लोगों को ट्रकों और दूसरी गाड़ियों में भरकर सिकंदराराऊ ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि भगदड़ तब हुई, जब श्रद्धालु ‘सत्संग’ के बाद कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने लगे।

अलीगढ़ की कमिश्नर चैत्रा वी ने कहा, “अब तक मरने वालों की संख्या 87 है और घायलों की संख्या 18 है और वे खतरे से बाहर हैं।” ये सामने आया है कि सत्संग के लिए कुछ ही लोगों की परमिशन दी गई थी, लेकिन वहां करीब 50,000 लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसे संभालने के लिए केवल 72 पुलिस कर्मी ड्यूटी पर थे।

भीड़ ज्यादा होने से मची भगदड़: पुलिस

हाथरस के डीएम आशीष कुमार ने कहा कि SDM ने कार्यक्रम की अनुमति दी, जिसका आयोजन देव प्रकाश मधुकर, महेश चंद्र, अनार सिंह, संजू यादव, चंद्र देव और राम प्रकाश ने किया था।

सिकंदराराऊ पुलिस स्टेशन के SHO आशीष कुमार ने कहा कि भीड़ ज्यादा होने के कारण भगदड़ मच गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

जल्दी बाहर निकलना चाहते थे लोग

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, घटना के एक चश्मदीद ने बताया, “सत्संग खत्म होने के बाद सभी लोग बाहर निकलने लगे। बाहर सड़क ऊंचाई पर बनी थी और नीचे नाली थी। एक के बाद एक लोग इसमें गिरने लगे, इसी दौरान कुछ लोग कुचल गए।”

अलीगढ़ रेंज की IG शलभ माथुर ने कहा कि ये सत्संग धार्मिक उपदेशक भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि ने किया था। अधिकारी ने बताया कि सत्संग एक बंद तंबू के अंदर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि भगदड़ इसलिए मची क्योंकि श्रद्धालुओं को घुटन महसूस हो रही थी।

उन्होंने बताया, “यह धार्मिक उपदेशक भोले बाबा की सत्संग सभा थी। मंगलवार दोपहर को एटा और हाथरस जिले की सीमा पर एक गांव में इसकी अस्थायी अनुमति दी गई थी। सत्संग बंद तंबू में किया जा रहा था और शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है दम घुटने के कारण इकट्ठा हुए लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।”

बाहर निकलने का रास्ता हो गया था बंद

एटा के जिला अस्पताल में भर्ती किशोरी ज्योति ने कहा कि भक्तों ने जल्दबाजी में वहां से निकलने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई।

उन्होंने कहा, “मौके पर भारी भीड़ जमा थी। यह सब तब हुआ जब सत्संग खत्म हो गया और सभी टेंट से बाहर निकलने की जल्दी में थे। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा और सभी एक-दूसरे पर गिर पड़े और भगदड़ मच गई। जब मैंने बाहर निकलने की कोशिश की, तो बाहर मोटरसाइकिलें खड़ी थीं, जिससे बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया था।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और घटना की जांच के लिए एक समिति बनाने का आदेश दिया। इसके अलावा गाजियाबाद से NDRF की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हाथरस पहुंच रही है।

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