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Tata Group Stocks: क्या टाटा ग्रुप के शेयर अपनी चमक खो रहे हैं? यह सवाल इसलिए पैदा हो रहा है क्योंकि ब्रोकरेज फर्मों ने पिछले एक साल में जिन 10 कंपनियों की रेटिंग सबसे अधिक घटाई है, उसमें से 3 टाटा ग्रुप की कंपनियां है। मनीकंट्रोल ने इन तीनों कंपनियों- टाटा स्टील, टाइटन और टाटा मोटर्स को लेकर डिटेल एनालिसिस की है। आइए जानते हैं किआखिर क्यों ब्रोकरेज फर्मों को टाटा के इन 3 शेयरों में घाटा होने का डर लग रहा है
सबसे पहले बात करते हैं टाटा स्टील की। टाटा ग्रुप के जिस शेयर की सबसे अधिक रेटिंग घटी है, उसमें नंबर एक पर टाटा स्टील है। एक साल पहले तक इस शेयर को 25 ब्रोकरेज फर्म खरीदने की सलाह दे रहे थे, जिनकी संख्या अब घटकर 14 पर आ गई है। टाटा स्टील के सामने सबसे बड़ा चैलेंज है चीन से स्टील का सस्ते भाव पर आयात। इसके चलते ग्लोबल लेवल पर स्टील की कीमतें नीचे आई हैं, जिससे टाटा स्टील की मार्जिन में गिरावट आ रही है।
इसके साथ ही, टाटा स्टील को ओडिशा में 17,347 करोड़ रुपये का टैक्स लायबिलिटी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अब राज्यों को मिनरल राइट्स पर टैक्स लगाने का अधिकार दे दिया है। इसके अलावा, कंपनी का कर्ज भी 4,600 करोड़ रुपयेसे बढ़कर 82,160 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो इसकी मौजूदा चुनौतियों को और बढ़ाता है।
नवंबर से अबतक टाटा स्टील का शेयर करीब 32 फीसदी चढ़ चुका है। कंपनी का उसके इंडियन बिजनेस से मुनाफा बढ़ सकता है, लेकिन टाटा स्टील Uk, टाटा स्टील Netherlands का प्रदर्शन कमजोर बना हुआ है। ऐसे में एनालिस्ट्स का कहना है कि अब आगे यह स्टॉक रिस्क-रिवॉर्ड के लिहाज से अट्रैक्टिव नहीं दिख रहा है।
अब बात करते हैं टाइटन की, जो टाटा ग्रुप की एक और प्रमुख कंपनी है। इस स्टॉक को Buy रेटिंग देने वाले ब्रोकरेज फर्मों की संख्या पिछले एक साल में 23 से घटकर 16 पर आ गई। हाल ही में जेपी मॉर्गन ने टाइटन की रेटिंग को ‘ओवरवेट’ से घटाकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया। साथ ही उसके टारगेट प्राइस को भी 3,850 रुपये से घटाकर 3,450 रुपये कर दिया। जेपी मॉर्गन ने कहा है कि शॉर्ट टर्म में Titan को कमजोर डिमांड का सामना करना पड़ सकता है।
गोल्ड की कीमतें हाई लेवल पर हैं, जिससे ज्वैलरी के लिए ग्राहकों की डिमांड में कमी आई है। इसके अलावा, बढ़ते कॉम्पिटीशनऔर प्रमोशनल एक्टिविटी के चलते कंपनी के मार्जिन पर भी दबाव बढ़ रहा है। ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली और गोल्डमैन सैक्स ने भी इसे लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि टाइटन के ज्वैलरी सेगमेंट पर खास दबाव देखा जा रहा है, और ये कंपनी के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
अब आते हैं इस लिस्ट के आखिरी स्टॉक टाटा मोटर्स पर। पिछले एक साल में इस शेयर को Buy रेटिंग देने वाले ब्रोकरेज फर्मों की संख्या पिछले एक साल में 27 से घटकर 22 पर आ गई है। UBS ने एक दिन पहले ही इसके शेयर में 20% की गिरावट आने का अनुमान जताया और इसे ‘Sell’ रेटिंग के साथ 825 रुपये का टारगेट दिया है। Tata Motors का स्टॉक पिछले एक साल में 62 फीसदी चढ़ा है। इसलिए भी एनालिस्ट्स को आगे इस स्टॉक में तेजी की संभावनाएं सीमित दिख रही है।
टाटा मोटर्स को अपने जगुआर लैंडरोवर (JLR) डिवीजन के उत्पादन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही JLR की ग्लोबल डिमांड भी सुस्त है। गर्मी में प्लांट बंद होने और बाढ़ से जुड़े मसलों की वजह से एल्युमीनियम के प्रमुख सप्लायर की तरफ से सप्लाई में दिक्कत आई है। ICICI सिक्योरिटीज ने कहा है कि JLR में उम्मीद से ज्यादा वॉल्यूम ग्रोथ, कर्ज घटाने की रफ्तार और कैश फ्लो में कमी की आशंका भी टाटा मोटर्स की वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकती है।
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